जगजननी माँ की आरती

जगजननी जय! जय!! माँ! जगजननी जय! जय!!

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Last updated Wed, 22-Mar-2023 Hindi-gujarati

जगजननी जय! जय, माँ जगजननी जय जय

भयहारिणि, भवतारिणि, माँ भवभामिनि जय! जय ॥

जगजननी जय जय..॥

तू ही सत-चित-सुखमय, शुद्ध ब्रह्मरूपा ।

सत्य सनातन सुन्दर, पर-शिव सुर-भूपा ॥

जगजननी जय जय..॥

आदि अनादि अनामय, अविचल अविनाशी ।

अमल अनन्त अगोचर, अज आनँदराशी ॥

जगजननी जय जय..॥

अविकारी, अघहारी, अकल, कलाधारी ।

कर्त्ता विधि, भर्त्ता हरि, हर सँहारकारी ॥

जगजननी जय जय..॥

तू विधिवधू, रमा, तू उमा, महामाया ।

मूल प्रकृति विद्या तू, तू जननी, जाया ॥

जगजननी जय जय..॥

राम, कृष्ण तू, सीता, व्रजरानी राधा ।

तू वांछाकल्पद्रुम, हारिणि सब बाधा ॥

जगजननी जय जय..॥

दश विद्या, नव दुर्गा, नानाशस्त्रकरा ।

अष्टमातृका, योगिनि, नव नव रूप धरा ॥

जगजननी जय जय..॥

तू परधामनिवासिनि, महाविलासिनि तू ।

तू ही श्मशानविहारिणि, ताण्डवलासिनि तू ॥

जगजननी जय जय..॥

सुर-मुनि-मोहिनि सौम्या, तू शोभाधारा ।

विवसन विकट-सरुपा, प्रलयमयी धारा ॥

जगजननी जय जय..॥

तू ही स्नेह-सुधामयि, तू अति गरलमना ।

रत्‍‌नविभूषित तू ही, तू ही अस्थि-तना ॥

जगजननी जय जय..॥

मूलाधारनिवासिनि, इह-पर-सिद्धिप्रदे ।

कालातीता काली, कमला तू वरदे ॥

जगजननी जय जय..॥

शक्ति शक्तिधर तू ही, नित्य अभेदमयी ।

भेदप्रदर्शिनि वाणी, विमले वेदत्रयी ॥

जगजननी जय जय..॥

हम अति दीन दुखी माँ, विपत-जाल घेरे ।

हैं कपूत अति कपटी, पर बालक तेरे ॥

जगजननी जय जय..॥

निज स्वभाववश जननी, दयादृष्टि कीजै ।

करुणा कर करुणामयि, चरण-शरण दीजै ॥

जगजननी जय जय..॥

जगजननी जय जय, माँ जगजननी जय जय

भयहारिणि, भवतारिणि, माँ भवभामिनि जय जय ॥

जगजननी जय जय..॥